भोपाल. दैनिक भास्कर कई बार बेहतरीन मुद्दों पर खबरें प्रकाशित कर चूका है और इस बार तो वाकई देश कि नब्ज पकड़ ली. मामला पुराना है मगर रोचक है. हो भी क्यों नहीं क्योंकि बात महंगाई कि जो हो रही है. मैं खुद कुछ कहूँ इससे बेहतर है कि आप दैनिक भास्कर डोट कॉम कि खबर पड़े.
नई दिल्ली. लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस, विपक्षी पार्टी बीजेपी और उत्तर प्रदेश में शासन कर रही बीएसपी की एक साल की कमाई के आगे भारत पर वर्षों राज करने वाली ब्रिटेन की तीन प्रमुख पार्टियां कहीं भी नहीं टिकती हैं। भले ही ब्रिटेन का जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) भारत से दोगुना है, वहां का हर नागरिक औसतन एक भारतीय से 30 गुना ज़्यादा कमाता है, लेकिन भारत की तीन प्रमुख सियासी पार्टियों की आमदनी ब्रिटेन की तीन प्रमुख पार्टियों की तुलना में 150 गुना से भी ज़्यादा है।
वित्त वर्ष 2008-09 में कांग्रेस, बीजेपी और बीएसपी की साझा आमदनी करीब 786.62 करोड़ रुपये (करीब 8 अरब रुपये) रही, जबकि ब्रिटेन की तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियों- लेबर, कंजर्वेटिव और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी - ने वित्त वर्ष 2009-10 में महज करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये (पाउंड स्टर्लिंग की आज की दर के आधार पर) जुटाए। भारत के राजनीतिक दलों की माली हैसियत सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत डाली गई एक अर्जी के जरिए सामने आई है, जबकि ब्रिटिश राजनीतिक पार्टियों की कमाई का ठोस अनुमान वहां के चुनाव आयोग ने लगाया है।
भारत में 702 राजनीतिक पार्टियां रजिस्टर्ड हैं। इनमें छह पार्टियां राष्ट्रीय हैं। वहीं, ब्रिटेन में 341 राजनीतिक पार्टियां रजिस्टर्ड हैं। ब्रिटेन में चुनाव कराने वाली संस्था 'द इलेक्टोरल कमिशन' की साइट पर मौजूद सूचना के मुताबिक लेबर पार्टी, कंजर्वेटिव पार्टी और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ने पिछले साल आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है। लेकिन कमिशन के अंदाज के मुताबिक ये तीनों पार्टियां करीब पौने दो करोड़ रुपये सालाना की आमदनी से ज़्यादा का रिटर्न दाखिल करेंगी। अगर वास्तविक आंकड़ा थोड़ा ज़्यादा भी हो, तो भी उनकी आमदनी भारत की तीन सबसे अमीर पार्टियों की सालाना आमदनी के आगे कहीं भी नहीं टिकने वाली होगी है।
गौरतलब है कि ब्रिटेन दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जबकि भारत को दुनिया की 11 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था माना जाता है। दोनों देशों में प्रति व्यक्ति आय और जीडीपी के आंकड़े में बड़ा अंतर है। भारत में लोग बेहद गरीब हैं, लेकिन यहां की राजनीतिक पार्टियों के पास अगाध पैसा है।
तीन मानदंडों पर भारत और ब्रिटेन की तुलना
जनसंख्या
भारत: 1 अरब 16 करोड़, ब्रिटेन: 6.20 करोड़
जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद)
भारत: 55 हजार अरब रुपये, ब्रिटेन: 1 लाख अरब रुपये से ज़्यादा
प्रति व्यक्ति आय
भारत: 44 हजार रुपये, ब्रिटेन: 12 लाख रुपये
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
अठारहवें लोकसभा चुनाव के नतीजे अपने अंदर कई संदेशों को समेटे हुए है।
अठारहवें लोकसभा चुनाव के नतीजे अपने अंदर कई संदेशों को समेटे हुए है। पहला— पिछले कुछ वर्षों से विरोधी दल, विदेशी शक्ति और मीडिया के एक भाग द...
-
क्या सच में मप्र पुलिस इतनी साहसी हो गई कि एक सत्ताधारी दल के मंत्री पुत्र को बेल्ट से पीट सके? अब तक तो यकीन नहीं हो रहा था, लेकिन खबर दै...
-
मप्र पर्यटन निगम द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में लगातार बेहतर काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में राजधानी में भदभदा पुल के पास एक शानदार एंटरटे...
-
भोपाल. एनजीओ नाम सुनते ही जेहन में सेवा शब्द कौंध जाता है, लेकिन जिस प्रकार से एनजीओ की संख्या बढ रही है उसकी अपेक्षा काम दिखाई नहीं दे रहा ...
1 comment:
ब्रिटेन की पार्टिया इतनी बेशर्म नहीं है की वो जनता का खून चूसे यहाँ भारत की ये तीनों पार्टियाँ जनता का खून चूस रही है और उनके बच्चों को भूखे मरने या चोर बनने को मजबूर कर रही है ,इनका सर्वनाश निश्चित है ,स्वयं भगवान भी इन पार्टियों और इनके संस्थापकों को नहीं बचा सकते हैं ...देर जरूर होगा जिससे कई इंसानों की जिंदगियाँ भी बरबाद इस दर्दनाक अवस्था की वजह होगी ...
Post a Comment