Tuesday, April 2, 2024

क्या सच में मप्र पुलिस इतनी साहसी हो गई कि एक सत्ताधारी दल के मंत्री पुत्र को बेल्ट से पीट सके?

 क्या सच में मप्र पुलिस इतनी साहसी हो गई कि एक सत्ताधारी दल के मंत्री पुत्र को बेल्ट से पीट सके? अब तक तो यकीन नहीं हो रहा था, लेकिन खबर दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुई है और दो सीनियर रिपार्टर ने इंवेस्टिगेशन की है। फोटो के साथ बताया कि कैसे और कहां पीटा। इस खबर के बाद कोई शक या सवाल बाकी नहीं रह जाता। ऐसे में अब राज्यमंत्री #Narendra_Shivaji_Patel का थाने में जाकर बेटे को छुड़वाना जायज लगता है, क्योंकि कोई भी पिता अपने बेटे के साथ हुई इस तरह की मारपीट होते देख तड़प ही जाएगा। वे भी खास से एकदम आम बन ही गए। खैर…
असल सवाल अब भी बाकी है? आखिर पुलिस में इतना साहस आया कैसे? आमतौर पर मोहल्ले के नेता को भी कुर्सी देकर आवभगत करने वाली पुलिस ने ऐसे ही तो मंत्रीपुत्र की “सुधार सिंह” (उस बेल्ट का नाम, जिससे मंत्रीपुत्र को पीटा गया) से मिजाजपुर्सी नहीं की होगी। जवाब जानने के लिए अपने कुछ अय्यारों से बात की तो उन्होंने इशारों में बताया कि पुलिस तब पूरी तरह बेकाबू हो जाती है, जब उनकी वर्दी पर कोई सवाल उठाता है। वर्दी उतरवाने की धमकी देता है। वर्दी पर उठी ऊंगलियों को पुलिसकर्मी बर्दाश्त नहीं करते हैं और फिर पुलिस वाले भी इस मूड में आ जाते हैं कि जाओ करवा देना सस्पेंड। सच क्या है, यह तो पुलिस जांच के बाद पता चलेगा। अभी कई सारे तथ्य आना बाकी है।
इस मामले के बाद सुनने में यह आया है कि पार्टी ने सभी मंत्रियों को समझाईश दे दी है कि किसी के भी परिजन की तरफ से इस प्रकार की हरकत होती है तो वह स्वयं जिम्मेदार होगा। वैसे बता दें कि मंत्री पुत्रों के कारनामों की फेहरिस्त लंबी है। फिर चाहे नर्मदा किनारे वाले पूर्व कैबीनेट मंत्री के बेटे हो या फिर वर्तमान कैबीनेट के सीनियर मंत्री के बल्लेबाज पुत्र हो। इन सभी के चर्चे राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुके हैं।
बीजेपी नेताओं के परिजनों द्वारा की जाने वाली इन हरकतों पर इसलिए भी जोरदार चर्चा होती है कि यह पार्टी अनुशासित और कैडर बैस है। इतनी अनुशासित कि कांग्रेस से आए हु़ड़दंगी नेता भी यहां जमीन पर बैठना सीख गए हैं। इस मामले में वर्तमान सीएम डॉ. मोहन यादव की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने अब तक अपने परिवार को राजनीतिक ग्लैमर से दूर रखा है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि परिवार और राजनीति को मैं अलग ही रखता हूं। यह बहुत अच्छी बात है, लेकिन क्या वे अपने दर्जन भर नए मंत्रियों में भी इतना ही संयम ला पाएंगे? यदि कर पाए तो बड़ी बात होगी। बहरहाल राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बेटे के मामाले में राजनीति और गरमाएगी।
- भीम सिंह मीणा, पत्रकार
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