Saturday, February 7, 2009

विदेश नीति नहीं अमेरिका नीति कहिए महाराज...

जी हां, पाकिस्तान में इन दिनों यही नारे लग रह हैं। भारत के विदेश मंत्री प्रणब जिस तरह से रोज़ एक ही तरह की बयानबाज़ी कर रहे हैं उससे पाकिस्तान के आतंकी और षडयंत्रकारी बहुत खुश हैं। प्रणब कहीं से भी आते हैं, कुछ भी करते हैं और मीडिया उनके सामने आ जाए तो बिना सवाल पूछे ही बोलना शुरु कर देते हैं, पाकिस्तान हल्के में न ले, हमारे पास सभी विकल्प खुले हैं, पाकिस्तान ने कार्रवाई नहीं की है, उसे फ्लां करना होगा, नहीं तो ये ...वो ..............................। भारत सबूत देने की बात तो कहता है लेकिन अब तक पेश किए गए सबूत पाकिस्तान को दोषी ठहराए जाने के लिए नाकाफी हैं। भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस वजह से किरकरी हो चुकी है। अगर इस बार भारत नाकाम रहा तो विश्व समुदाय को भरोसे में लेना काफी मुश्किल हो जाएगा। सीधे सपाट लहजे में कहा जाए तो एक बात साफ हो जाती है कि हम एक अक्षम और लापरवाह देश हैं। बिना प्रायोगिक साक्ष्यों के प्रणब की बयानबाज़ी साफ कर रही है भारत के पास अब कुछ भी नहीं बचा है। भारत पाकिस्तान के खिलाफ कोई कदम भी नहीं उठा सकता। भारत की अमेरिका परस्त नीति उसे कभी ऐसा करने की इजाज़त नहीं देगी। भारत कोई भी काम करने से पहले अमेरिका से अनुमति लेता है। ऐसे में साफ है कि अमेरिका कभी पाकिस्तान पर कार्रवाई करने की अनुमति नहीं देगा।
हम कहने को तो संप्रभु राष्ट्र में रहते हैं लेकिन हकीकत ये है कि हमारी संप्रभुता अमेरिका के पास गिरवी पड़ी है। ऐसे में हमारे नेता बयानबाज़ी के अलावा और कुछ कर भी नहीं सकते।

6 comments:

दिगम्बर नासवा said...

चुनाव का सारा खेल है भाई.........
सब समझते हैं

रचना गौड़ ’भारती’ said...

भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com

Publisher said...

उत्तम! ब्लाग जगत में पूरे उत्साह के साथ आपका स्वागत है। आपके शब्दों का सागर हमें हमेशा जोड़े रखेगा। कहते हैं, दो लोगों की मुलाकात बेवजह नहीं होती। मुलाकात आपकी और हमारी। मुलाकात यहां ब्लॉगर्स की। मुलाकात विचारों की, सब जुड़े हुए हैं।
नियमित लिखें। बेहतर लिखें। हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। मिलते रहेंगे।

Publisher said...

उत्तम! ब्लाग जगत में पूरे उत्साह के साथ आपका स्वागत है। आपके शब्दों का सागर हमें हमेशा जोड़े रखेगा। कहते हैं, दो लोगों की मुलाकात बेवजह नहीं होती। मुलाकात आपकी और हमारी। मुलाकात यहां ब्लॉगर्स की। मुलाकात विचारों की, सब जुड़े हुए हैं।
नियमित लिखें। बेहतर लिखें। हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। मिलते रहेंगे।

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

dharti par sab kushal se khush rahen. narayan narayan

Prakash Badal said...

आपकी बातों से सहमत हूँ दरअसल हम अपने विवेक का इस्तेमाल न कर अमेरिका के पिछलग्गू हो गये हैं और पाकिस्तान हमारी इस कमज़ोरी को जानता है और उसे पता है कि भारत मात्र बयानबाज़ी के अलावा और कुछ नहीं कर सकता।