प्रशांत भूषण और उनके पिता शांति भूषण ने भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर किए हैं। प्रशांत भूषण भ्रष्टाचार, खासकर के न्यायपालिका के भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार पिछले दो दशक से हर संभव लड़ाई लड़ रहे हैं। गरीब आदमी, आम आदमी को न्याय मिले इसके लिए वे न्यायपालिका की आंख की किरकिरी भी बने। न्यायपालिका के अंदर की गंदगी को सार्वजनिक करने का काम, कारपोरेट घरानों से कई बार टक्कर, जनआंदोलनों के हर घुटती मांग को सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक पहुंचाने वाले, सिविल सोसाइटी में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रतीक बन चुके हैं प्रशांत भूषण और उनका परिवार भी इस काम में पीछे नहीं है। आज उन पर कई सवाल हैं......जो मीडिया में आने के बाद लोगों के मन में घर कर गये हो सकते हैं।
प्रशांत भूषण परिवार को बदनाम करने की साजिश के सही तथ्य क्या हैं?
लोकपाल बिल के लिए संयुक्त प्रारूप समिति की अधिसूचना जैसे ही जारी हुई उसके तुरंत बाद, भूषण परिवार को बदनाम करने की गतिविधियां तेज हो गईं। एक गढ़ी हुई (फैब्रिकैटिड) सीडी कुछ चुनिंदा मीडिया वालों को उपलब्ध कराई गई। इलाहाबाद में एक संपत्ति की खरीद के संबंध में स्टांप ड्यूटी चोरी करने के आरोप लगाए गए। नोएडा में आवंटित 2 कृषि भूमि भूखंडों के संबंध में शांति भूषण और जयंत भूषण पर ‘कलंक-कथा’ बनाई गई। सूचनाएं को गलत तरीके से पेश कर मीडिया ने परोक्ष रूप से बहुत सी गलत सूचनाएं फैलाईं। लोकपाल बिल के लिए संयुक्त प्रारूप समिति से प्रशांत भूषण और शांति भूषण को हटाने के लिये आरोपों और अफवाहों का बवंडर खड़ा कर दिया गया। नतीजा यह हुआ कि लोगों ने भी सही तथ्यों को जानने की कोशिश नहीं की और मान लिया कि भूषण परिवार भी शायद पाक-साफ नहीं हैं। इसलिए इन साजिशों पर सही प्रकाश डालने के लिए तथ्यों की जांच होना जरूरी है। इन तीनों मुद्दों से जुड़े तथ्य यहां ब्यौरावार दिए गये हैं . . . . . .
हमारा निवेदन है कि आप इन तथ्यों को पढ़ें और अन्य लोगों के साथ भी साझा करें।
यहां सारे तथ्य संलग्न हैं
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