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Showing posts from November, 2009

चाहे साल कितने भी क्यों न जाए जखम नही भर सकते हैं

भोपाल। हम लगातार २५ सालों से भोपाल में हुई गैस ट्रेजडी की बरसी मानते आ रहे हैं और अब काला दिवस मनाकर शांत हो जाते हैं, लेकिन जखम हरे हैं। कुछ भी भुलाना आसन नही है। मीडिया ने गेस ट्रेजडी को मीडिया ने हमेशा विषय को तवज्जो दी है। कुछ लेख जिन्हें विभिन्न वेबसाइट पर प्रकाशित किया जा चुका है को इस ब्लॉग पर साभार लिया जा रहा है। भोपाल गैस त्रासदी के घाव अभी भरे नहीं कोई क्या करे जब उसकी सुनने वाला कोई नहीं हो. जब सरकारों ने अपने कान बंद कर लिए हों और मीडिया के लिए रोचक कार्यक्रमों के मायने बदल गए हों. भोपाल गैस पीड़ितों का कहना है कि ऐसा ही कुछ उनके साथ हुआ है, हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है. चौबीस साल पहले घटी घटना को शायद लोगों ने भुला दिया हो, लेकिन उसके घाव अब भी जन्म ले रहे बच्चों के शरीरों पर देखे जा सकते हैं. अपने दुख दर्द केंद्र सरकार के सामने रखने के लिए बीस फ़रवरी 2008 को भोपाल गैस पीड़ितों ने दिल्ली तक सड़क यात्रा की शुरुआत की. कई मीलों लंबी ये यात्रा 28 मार्च को दिल्ली में ख़त्म हुई. लेकिन पीड़ितों का कहना है कि सरकार को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी. तपती धूप में धरना गैस पीड़...

आओ बनाये नकली स्वर्णिम मध्यप्रदेश?????

भोपाल। मध्य प्रदेश में भ्रम की स्थिति है की हम क्या वाकई स्वर्णिम मध्य प्रदेश के सपने को साकार होते देख रहे हैं या मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का भाषण का शानदार हिस्सा है। बहरहाल ये बहस मुझे नही करीं है, क्योंकि भोपाल टीवी जगत के पत्रकार काशीनाथ ने स्वर्णिम मध्य प्रदेश की हकीकत की सही पोल बहुत अच्छे ढंग से दखल पर खोली है। मध्य प्रदेश को स्वर्णिम प्रदेश बनाना है, इसके वासियों में मध्य प्रदेशी होने का गर्व पैदा करना है, हमारे प्रदेश का एक अपना गीत होगा, अकेले सरकार नहीं जनता को भी प्रदेश की तरक्की से जोडेंगे ये वो बातें हैं जो हमने एक नवम्बर को भोपाल के मोती लाल नेहरु स्टेडियम में मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस के कार्य क्रम में सुनी थी और बड़े ही गर्व के साथ हमारे सूबे के सूबेदार शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल सहित पूरे प्रदेश में इस तरह के आयोजन में मौजूद हर प्रदेश वासी को एक शपथ भी राज्यपाल के जरिये दिलाई थी। उसी दिन ये भी कहा गया की इस साल स्थापना दिवस का जलसा एक दिन नहीं पूरे सात दिन चलेगा और जनता को अपना प्रदेश की भावना से ओत प्रोत करके ही दम लिया जायेगा. ये जलसा चल पड़ा पहले ...

फ़िर खुली राजनेताओं और प्रशासन के दावो की पोल

भोपाल। मध्य प्रदेश में आमजन के उत्पीड़न की स्थिति सरकार के नियंत्रण से बाहर जा चुकी है। प्रशासन हमेशा की तरह ख़ामोशी की चादर ओड़े हुए है। जबलपुर की एक लोमहर्षक घटना इसका प्रमाण है। कहाँ खो गई प्रशासन की संवेदनशीलता कहाँ खो गई प्रशासन की संवेदनशीलताभगवानदेव ईसरानीजबलपुर के मदन महल इलाके में नाले से निकासी पर पड़ोसियों के आपसी विवाद और उसके निदान में पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन की उदासीनता व उपेक्षा से क्षुब्ध एक युवक सुनील सेन ने कुल्हाड़ी से अपनी माँ, बहन, दो बेटों और एक भतीजे की हत्या कर दी । एक बुजुर्ग पड़ोसी को भी मार डाला । ऐसी ही लोमहर्षक घटना मुंबई के ठाणे इलाके से सामने आई है । फ्रांसिस गोम्स नाम के इस व्यक्ति ने अपनी पत्नी सहित तीन जवान बेटियों को सात साल तक एक कमरे में इस डर से कैद रखा कि वे घर से बाहर जाएंगी तो उनके साथ दुष्कृत्य हो जाएगा । दोनों घटनाएँ मूलतः प्रशासनिक चूक और उससे उत्पन्न स्थितियों, बल्कि व्यवस्था के प्रति गहरे अविश्वास का ही परिणाम है । इन्हें सिर्फ मानसिक रोगी का कृत्य मानकर या होनी कहकर टालना सत्य से मुँह मोड़ना है। राजनीतिक हस्तक्षेप सहित विभिन्न कारणों से प्रशा...

सदन से भी क्यों मांगते हो माफ़ी

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हिंदू, हिन्दी, हिन्दुश्थान ही रहेगा सबसे ऊँचा भोपाल। अ भी-अभी महाराष्ट्र विधानसभा में फ़िर हंगामा हुआ। अफ़सोस की बात है की ये हंगामा उनके द्वारा ही किया गया, जिन्होंने मंगलवार को विधायक अबू काज़मी के साथ मारपीट की थी। महाराष्ट्र की नवगठित विधानसभा के विशेष सत्र के अंतिम दिन आज विपक्षी शिवसे ना व भाजपा के विधायकों ने शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के खिलाफ़ समाजवादी पार्टी विधायक अबू आसिम आजमी की कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर काफ़ी हंगामा मचाया और अबू आजमी की गिरफ्तारी की मांग की। अब ये लोग अपने आका बाल ठाकरे को सामने रखकर ख़ुद को जनता के सामने पाक साफ घोषित करना चाहते हैं। अब काग रहे हैं की वे सदन से माफ़ी मांग लेंगे लेकिन अबू काज़मी से माफ़ी नहीं मंगेंगऐ। में तो खटा हबन की सदन से भी क्यों माफ़ी मांग रहे हो। क्योंकि शर्मशार तो सदन को किया था। अबू काज़मी भी कोई ढूढ़ के धुले नही होंगे लेकिन सदन क्यों इन विधायक रूपी गुंडों को सहे। सुबह के सत्र में शिवसेना विधायक दल के नेता सुभाष देसाई और सदन में विपक्ष के नेता एकनाथ खड़से भाजपा के नेतृत्व में सदस्यों की नारेबाजी और हंगामे के बीच सदन की कार्रवाई त...