Friday, May 13, 2011

bhopal me shuru hui cheking to bikne lage nakli helmet














भारतीय पुलिस सेवा के नौ अधिकारी प्रशिक्षण पर

भारतीय पुलिस सेवा के नौ वरिष्ठ अधिकारी आगामी दिनों भारतीय पुलिस अकादमी हैदराबाद तथा ब्रिटेन में आयोजित विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल होंगेंे। यह अधिकारी 16 मई से 24 जून, 2011राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद तथा 27 जून से 8 जुलाई, 2011तक ब्रिटेन(यू.के.) में आयोजित मिड कैरियर ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लेंगें। इन अधिकारियों की प्रशिक्षण अवधि में उनके कार्य-दायित्वों के संपादन के लिये गृह विभाग द्वारा विभिन्न अधिकारियों को निर्देशित किया गया है ।
गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार श्री उपेन्द्र कुमार जैन, पुलिस महानिरीक्षक, उज्जैन रेंज उज्जैन की प्रशिक्षण अवधि में श्री डी.एस.सेंगर, पुलिस महानिरीक्षक बिसबल,इंदौर, श्री आदर्श कटियार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,भोपाल की प्रशिक्षण अवधि में श्री योगेश चौधरी, पुलिस अधीक्षक,भोपाल, श्री डी.श्रीनिवास राव,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, इंदौर की प्रशिक्षण अवधि में श्री पवन श्रीवास्तव, पुलिस उप महानिरीक्षक, इंदौर रेंज, इंदौर, श्री जी.जनार्दन, पुलिस उप महानिरीक्षक, खरगोन रेंज,खरगोन की प्रशिक्षण अवधि में श्री एम.के.मुद्गल, पुलिस उप महानिरीक्षक,अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय,भोपाल, श्री के.पी.खरे, पुलिस उप महानिरीक्षक रीवा रेंज,रीवा की प्रशिक्षण अवधि में श्री उमेश जोगा, पुलिस अधीक्षक, रीवा, सुश्री सोनाली मिश्रा, पुलिस उप महानिरीक्षक, जबलपुर रेंज,जबलपुर की प्रशिक्षण अवधि में श्री संतोष कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक, जबलपुर, श्री राजाबाबू सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक,शहडोल रेंज, शहडोल की प्रशिक्षण अवधि में श्री सुधीर लाड, पुलिस अधीक्षक, शहडोल, श्री डी.पी.गुप्ता, पुलिस उपमहानिरीक्षक चंबल रेंज, मुरैना की प्रशिक्षण अवधि में श्री संजय कुमार, पुलिस अधीक्षक,मुरैना और डाँ मंयक जैन, पुलिस उप महानिरीक्षक उज्जैन रेंज,उज्जैन की प्रशिक्षण अवधि में श्री सतीश कुमार सक्सेना, पुलिस अधीक्षक, उज्जैन संबंधित दायित्वों का निर्वहन करेंगें ।

मजदूरी के लिए मजबूर हाथ बने काष्ठ शिल्पी

सफलता की कहानी
मजदूरी करना ही उनकी नियति है। श्योपुर जिले के ग्राम आवदा के आदिवासी युवकों ने यही मान लिया था। पर यह सच नहीं था। उनका भविष्य तो कहीं और था। बस उन्हें आवश्यकता थी एक अवसर की क्योंकि मजदूरी वाले हाथों में छुपा हुआ था एक हुनर जिसकी पहचान की पहल हुई गाँव की चौपाल में।
ग्रामीण आजीविका परियोजना का उद्देश्य भी यही है कि वह गाँवों में युवकों सहित उन सभी लोगों की मदद करे, जो हुनरमंद हैं। उन्हें रोजगार का स्थायी साधन मिले, यही इस योजना की मंशा है। श्योपुर जिले के विकासखण्ड कराहल का वन ग्राम आवदा आदिवासी बहुल गाँव है। यहाँ के युवक मजदूरी कर अपना जीवन-यापन करते थे। दिसम्बर, 2010 में रोज की तरह गाँव की चौपाल पर जब आदिवासी युवक मजदूरी के लिये एकत्रित हुए तो वहाँ दस्तक दी ग्रामीण आजीविका परियोजना की नफीसा बानो ने। उन्होंने संभावनापूर्ण आदिवासी युवकों के हाथों में हुनर देख उन्हें प्रोत्साहित किया लकड़ी के खिलौने बनाने के लिये।
मजदूर हाथों में छुपे हुनर को जब अवसर मिला तो उन्होंने वह कर दिखाया जो उन्होंने खुद भी कभी नहीं सोचा था। आदिवासी युवाओं ने परियोजना के जरिये मजदूरी के स्थान पर अधिक आय अर्जित करने के लिये लकड़ी से बने खिलौनों व अन्य उपयोगी घरेलू सामग्री बनाने का निर्णय लिया। साथ ही श्योपुर परियोजना की अपेक्स संस्था के माध्यम से आदिवासी युवाओं ने काष्ठ-कला से खिलौने बनाने के लिये दो स्व-सहायता समूह बनाए। इन दोनों समूहों में 18-18 व्यक्ति शामिल किये गए। इन सभी को काष्ठ-कला में प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के बाद समूहों को स्वयं की कार्यशाला स्थापित करने के लिये परियोजना की मदद से ग्रामसभा के माध्यम से 64-64 हजार रुपये के ऋण उपलब्ध करवाये गये। इस राशि से इन समूहों ने मशीन, औजार खरीदे और शेड निर्माण कर दो यूनिट की स्थापना की। इन दोनों यूनिट के प्रत्येक शेड में 3-3 मशीनें लगायी गईं।
वर्तमान में समूह के लोग लकड़ी के खिलौने, चकला-बेलन, बच्चों के खेलने की गाड़ी, फ्लावर पॉट, अगरबत्ती स्टैण्ड तथा चारपाई के पाहें आदि बना रहे हैं। हाल ही में इन दोनों समूहों को बुधनी जिले से पाँच हजार बेलन बनाने का आर्डर प्राप्त हुआ है। काष्ठ शिल्प के हुनर से खिलौने बनाकर दोनों समूह अब 72 हजार रुपये प्रतिमाह कमा रहे हैं।
sabhar-http://www.mpinfo.org

Thursday, May 12, 2011

मप्र पुलिस ने समस्या तो बता दी, समाधान बताना भूल गए

bhopal court ke paas Advoket bhi kharid rahe hain ghatiya gudvatta vale halmet.
आम आदमी हाथ जोड़कर खरीद रहा है घटिया माल
भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल में इन दिनों पुलिस द्वारा हेलमेट मुहिम चलाई जा रही है। इस मुहिम के तहत हेलमेट नहीं पहनने वाले से 50 रुपए का चालान काटा जा रहा है। यहां तक तो सब ठीक है, लेकिन परेशानी वाली बात यह है कि इस चालान कटवाने के बाद जब व्यक्ति थोड़ा आगे जाता है तो उसके मन में एकमात्र भावना होती है हेलमेट खरीदने की। उसे अचानक फुटपाथ पर चलती हुई हेलमेट की दुकान मिल भी जाती है। जैसे ही चालान का मारा आदमी हेलमेट खरीदने पहुंचता है तो उसे घटिया गुणवत्ता वाला आईएसआई मार्क के बिना हेलमेट मिलता है। उसका भी दाम 500  रुपए बताया जाता है। जब ग्राहक बार्गनिंग करता है तो दुकानदार 300 से 350 रुपए में हेलमेट देने के लिए तैयार हो जाता है। ऐसा पहली बार देख रहे हैं जब दुकानदार अपनी मर्जी से आम आदमी को कोई घटिया सामान बेच रहा है और ग्राहक हाथ जोड़कर उस माल को खरीदने के लिए मजबूर है। यह सब हो रहा है पुलिस की बदइंतजामी के कारण। पुलिस ने चालान काटना तो शुरू कर दिया, लेकिन आम आदमी को यह नहीं बताया जा रहा है कि वह सही हेलमेट कहां से खरीदे? इस पर भी अगर कोई सवाल करे तो उसे आंखे दिखाई जाती है।

Asli, nakli helmet.

Jahan mili jagah vahi gaye Jam.


Ek sahi helmet ki pahchan

Bhopal me rajbhavan ke paas police cheking



Wednesday, May 11, 2011

mp congress committee office

मप्र में कांग्रेस का बहुत ही भव्य कार्यालय लिंक रोड एक पर बना हुआ है। इस कार्यालय में कांग्रेस के सभी विभागों के ऑफिस संचालित होते हैं। इस ऑफिस के आसपास बहुत हरा-भरा क्षेत्र है। पास ही में रेड क्रास सोसायटी द्वारा संचालित अस्पताल स्थित है। हाल ही में इसके प्रदेश के मुखिया कांतिलाल भूरिया बने।








NSUI or YOUTH CONGRESS OFFICE


Sunday, May 8, 2011

दिल्ली में कार्टून वाच का कार्टून महोत्सव


दिल्ली में कार्टून वाच  का कार्टून महोत्सव
डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम होंगे मुख्य अतिथि
देश की एकमात्र कार्टून पत्रिका कार्टून वाच द्वारा प्रतिवर्श आयोजित कार्टून महोत्सव इस बार दिल्ली में किया जा रहा है. 29 अप्रैल 2011 को हिन्दी भवन दिल्ली में इसका उद्घाटन पूर्व राश्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम करेंगे. कार्टून वाच के सम्पादक त्रयम्बक शर्मा ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि इस बार कार्टून वाच की तरफ से लाईफ टाईम एचीवमेंट एवार्ड पांच वरिश्ठ कार्टूनिस्टों को दिया जायेगा. टाईम्स आफ इंडिया समूह के श्री अजीत नैनन, नवभारत टाईम्स के पूर्व कार्टूनिस्ट श्री काक, मधुमुस्कान पत्रिका के नन्हा जासूस बबलू के रचयिता श्री हुसैन जामिन, छत्तीसगढ के श्री बी.वी.पांडुरंग राव जो अब बैंगलोर में हैं, और दिल्ली दैनिक जागरण के कार्टूनिस्ट श्री जगजीत राणा को इस वर्श कार्टून महोत्सव में लाईफ टाईम एचीवमेंट एवार्ड प्रदान किया जायेगाइसके अलावा कार्टून विधा को बढावा देने के लिये उल्लेखनीय कार्य करने के लिये विषेश रूप से केरला कार्टून एकेडमी के पूर्व सचिव एवं कार्टूनिस्ट श्री सुधीरनाथ को भी सम्मानित किया जायेगाइस ेगाइस कार्यक्रम में प्रदेश के संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल विषेश अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे. उल्लेखनीय है कि पूर्व के वर्शों में कार्टून महोत्सव में श्री आर.के.लक्ष्मण, श्री आबिद सुरती, चाचा चैधरी के जनक श्री प्राण, श्री सुधीर दर, श्री राजेन्द्र धोडपकर, श्री एच.एम.सूदन, श्री सुरेश सावंत और श्री श्याम जगोता सहित अनेक कार्टून हस्तियां सम्मानित हो चुकी हैं. इस महोत्सव में देश के विभिन्न हिस्सों से कार्टूनिस्ट शामिल हो रहे हैं. कार्टून वाच पत्रिका अपने प्रकाशन के पंद्रहवें वर्श पर हो रहे इस आयोजन के अवसर पर विषेश अंक का प्रकाशन भी करने जा रही है जिसका विमोचन डा. कलाम के हाथों होगा. इस अंक में इस बार सम्मानित किये जा रहे कार्टूनिस्टों के कार्टून प्रकाषित किये जायेंगे. श्री शर्मा ने बताया कि डा. अब्दुल कलाम कार्टून विधा को बहुत पसंद करते हैं और राश्ट्रपति पद में रहने के दौरान उन्होंने सभी समाचार पत्र के सम्पादकों से अनुरोध किया था कि वे कार्टून को प्रथम पृश्ठ में स्थान दें. ज्ञातव्य है कि श्री षर्मा दृवारा रचित कार्टून पात्र प्रिंस का विमोचन भी डा. कलाम ने चेन्नई में किया था. कार्टून वाच के विषेश अंक में भी डा. कलाम के कार्टून प्रकाशित किये जायेंगेकार्टून  वाच पत्रिका ने विगत पंद्रह वर्शोंमें छत्तीसगढ का नाम देष के अलावा विदेशो में भी रोशान किया है. लंदन में दो सप्ताह इस पत्रिका द्वारा प्रदर्षनी लगाई गई, सम्पादक त्रयम्बक शर्मा का साक्षात्कार बीबीसी लंदन के हिन्दी रेडियो सेवा से किया गया, श्री शर्मा को नेपाल में आयोजित पांच देषों के कार्टूनिस्टों के सम्मेलन में आमंत्रित किया गया. हाल ही में कार्टून वाच ने दिल्ली में पहली बार आयोजित कामिक कन्वेन्षन - कामिकान में भी देश की एकमात्र कार्टून पत्रिका के रूप में भाग लिया था.

शांति व प्रशांत भूषण परिवार पर आरोप तथ्यों के प्रकाश में


प्रशांत भूषण और उनके पिता शांति भूषण ने भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर किए हैं। प्रशांत भूषण भ्रष्टाचार, खासकर के न्यायपालिका के भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार पिछले दो दशक से हर संभव लड़ाई लड़ रहे हैं। गरीब आदमी, आम आदमी को न्याय मिले इसके लिए वे न्यायपालिका की आंख की किरकिरी भी बने। न्यायपालिका के अंदर की गंदगी को सार्वजनिक करने का काम, कारपोरेट घरानों से कई बार टक्कर, जनआंदोलनों के हर घुटती मांग को सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक पहुंचाने वाले, सिविल सोसाइटी में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रतीक बन चुके हैं प्रशांत भूषण और उनका परिवार भी इस काम में पीछे नहीं है। आज उन पर कई सवाल हैं......जो मीडिया में आने के बाद लोगों के मन में घर कर गये हो सकते हैं।  
प्रशांत भूषण परिवार को बदनाम करने की साजिश के सही तथ्य क्या हैं?
लोकपाल बिल के लिए संयुक्त प्रारूप समिति की अधिसूचना जैसे ही जारी हुई उसके तुरंत बादभूषण परिवार को बदनाम करने की गतिविधियां तेज हो गईं। एक गढ़ी हुई (फैब्रिकैटिड) सीडी कुछ चुनिंदा मीडिया वालों को उपलब्ध कराई गई। इलाहाबाद में एक संपत्ति की खरीद के संबंध में स्टांप ड्यूटी चोरी करने के आरोप लगाए गए। नोएडा में आवंटित 2 कृषि भूमि भूखंडों के संबंध में शांति भूषण और जयंत भूषण पर कलंक-कथा  बनाई गई। सूचनाएं को गलत तरीके से पेश कर मीडिया ने परोक्ष रूप से बहुत सी गलत सूचनाएं फैलाईं। लोकपाल बिल के लिए संयुक्त प्रारूप समिति से प्रशांत भूषण और शांति भूषण को हटाने के लिये आरोपों और अफवाहों का बवंडर खड़ा कर दिया गया। नतीजा यह हुआ कि लोगों ने भी सही तथ्यों को जानने की कोशिश नहीं की और मान लिया कि भूषण परिवार भी शायद पाक-साफ नहीं हैं। इसलिए इन साजिशों पर सही प्रकाश डालने के लिए तथ्यों की जांच होना जरूरी है। इन तीनों मुद्दों से जुड़े तथ्य यहां ब्यौरावार दिए गये हैं . . . . . .  
हमारा निवेदन है कि आप इन तथ्यों को पढ़ें और अन्य लोगों के साथ भी साझा करें।

यहां सारे तथ्य संलग्न हैं

क्या सच में मप्र पुलिस इतनी साहसी हो गई कि एक सत्ताधारी दल के मंत्री पुत्र को बेल्ट से पीट सके?

  क्या सच में मप्र पुलिस इतनी साहसी हो गई कि एक सत्ताधारी दल के मंत्री पुत्र को बेल्ट से पीट सके? अब तक तो यकीन नहीं हो रहा था, लेकिन खबर दै...