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Showing posts from August, 2010

मेरी रुचि देखकर काम दिया है मुख्यमंत्री ने..

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लक्ष्मीकांत शर्मा माता : श्रीमती रमा देवी शर्मा पिता : दिवंगत चंद्रमोहन शर्मा जन्म : 24 जनवरी 1961 जन्म स्थान: सिरोंज, जिला विदिशा शिक्षा : एम.ए., एल.एल.बी. स्कूल : सिरोंज शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल कॉलेज : सिरोंज शासकीय कॉलेज, गंजबासोदा शासकीय कॉलेज व्यवसाय : पांडित्य कर्म विवाह : वर्ष 1992 में श्रीमती तारामणि शर्मा के साथ बच्चे : अपर्णा और अमिता-15 वर्ष, अक्षिता-14 वर्ष अभिरुचि : सांस्कृतिक आयोजन एवं समाज सेवा करियर ग्राफ : विधायक: वर्ष 1993, वर्ष 1998, वर्ष 2003 और वर्ष 2008 में सिरोंज क्षेत्र से विधायक चुने गए। ...और मंत्री 28 जून 2004 में प्रथम बार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने और विभाग मिले जनसम्पर्क, खनिज साधन और जनशिकायत निवारण विभाग। 27 अगस्त 2004 में दूसरी बार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने और विभाग मिले खनिज साधन, जनशिकायत निवारण, संस्कृति, धार्मिक न्यास, धर्मस्व, पुनर्वास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग। 4 दिसंबर 2005 में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पद की शपथ ली। 25 अगस्त 2007 में पहली बार केबीनेट मंत्री के रूप शपथ ली। 20 दिसंबर 2008 को दूसरी बार...

हाय राम आमदानी बडत जात है

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भोपाल. दैनिक भास्कर कई बार बेहतरीन मुद्दों पर खबरें प्रकाशित कर चूका है और इस बार तो वाकई देश कि नब्ज पकड़ ली. मामला पुराना है मगर रोचक है. हो भी क्यों नहीं क्योंकि बात महंगाई कि जो हो रही है. मैं खुद कुछ कहूँ इससे बेहतर है कि आप दैनिक भास्कर डोट कॉम कि खबर पड़े. नई दिल्ली. लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस, विपक्षी पार्टी बीजेपी और उत्तर प्रदेश में शासन कर रही बीएसपी की एक साल की कमाई के आगे भारत पर वर्षों राज करने वाली ब्रिटेन की तीन प्रमुख पार्टियां कहीं भी नहीं टिकती हैं। भले ही ब्रिटेन का जीडीपी (सकल घरेलू उत्‍पाद) भारत से दोगुना  है, वहां का हर नागरिक औसतन एक भारतीय से 30 गुना ज़्यादा कमाता है, लेकिन भारत की तीन प्रमुख सियासी पार्टियों की आमदनी ब्रिटेन की तीन प्रमुख पार्टियों की तुलना में 150 गुना से भी ज़्यादा है। वित्त वर्ष 2008-09 में कांग्रेस, बीजेपी और बीएसपी की साझा आमदनी करीब 786.62 करोड़ रुपये (करीब 8 अरब रुपये) रही, जबकि ब्रिटेन की तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियों- लेबर, कंजर्वेटिव और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी - ने वित्त वर्ष 2009-10 में महज करीब साढ़े पांच करोड़ रुप...

राम तो घर नहीं दिल में रहते हैं वहा से केसे निकालोगे

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भोपाल. मीडिया क्लब पर एक बड़ी उम्दा टिप्पड़ी आई की राम को नकारना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है पड़ी और इसको पड़ने के बाद साफ़ हो गाय की राम के अस्तित्व को नकारने वाले बहुत थोड़े हैं लिकिन उनका जवाब देना पड़ता है. वो टिप्पड़ी यहाँ हु-बहु प्रकाशित कर रहे हैं.   'राम को नकारना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी' Pawan Kumar Arvind   दिल्ली के दरियागंज स्थित प्रकाशन संस्थान द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक पुस्तक में भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारने की प्रवृत्ति का कड़ा प्रतिवाद किया गया है और दलील दी गई है कि इसका सीधा अर्थ तो यह हुआ कि बाकायदा आज भी मौजूद अयोध्या तथा सरयू समेत श्रीराम से जुडे़ अनेक स्थान एवं प्रतीक भी काल्पनिक हैं। प्रसिद्ध लेखक डॉ. भगवती शरण मिश्र ने अपनी पुस्तक "मैं राम बोल रहा हूँ " में लिखा है- "राम को नकारने वालों को सरयू , अयोध्या , चित्रकूट , कनक, लक्ष्मण किला, हनुमान गढ़ी, रामेश्वरम , जनकपुर आदि को भी नकारना होगा। ’ इस पुस्तक में लेखक वर्तमान परिस्थितियों पर भगवान श्रीराम के ही मुंह से बेबाक टिप्पणियां करता है और कहता है कि राम को नकारना ...