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Showing posts from April, 2009

शिवराज, लोधी फंसे

इलाक़े में कम ही दिखने वाले बीजेपी के उम्मीदवार शिवराज सिंह लोधी वैसे जनता के बीच अपनी हरकतों को लेकर बदनाम है उस पर सरकारी इमारतों का चुनाव में इस्तेमाल कर फिर एक नई मुसीबत में फंस गए हैं... लोगों को लगता है कि शिवराज सिंह लोधी वैसे ही एक तो उनके हाल पूछने नहीं आते उस पर लगातार चुनाव आचार संहिता का मखौल उड़ा कर बदनाम हो रहे हैं...आम मतदाताओं को लग रहा है कि मैदान में पिछड़ता देख शिवराज सिंह लोधी ये भूल गए हैं कि क्या उचित है क्या नहीं... अजीब हरकतों, कार्यकर्ताओं से बदतमीज़ी और लोगों के बीच कमज़ोर जनसम्पर्क को लेकर शिवराज सिंह लोधी की हालत वैसे ही काफ़ी पतली है उस पर वे लगातार आचार संहिता की ग़लतियां करते जा रहे हैं... अगर यही हाल रहा तो शिवराज सिंह लोधी को कोई करिश्मा ही बचा सकता है

भूपेन्द्र की बुरी स्थिती

मध्य प्रदेश बीजेपी के नेता भूपेंद्र सिंह पिछला विधानसभा चुनाव हार चुके हैं... लेकिन कुर्सी की चाहत है कि पूरी नहीं होती... अबकी बार नज़रें सांसद की कुर्सी पर टिकी हैं... इसलिये विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त भुलाकर एक बार फिर लोगों से वोट माँग रहे हैं... बीजेपी के प्रत्याशी बनकर मैदान में उतरे भूपेंद्र सिंह शायद ये भूल रहे हैं कि सागर की जिस जनता ने उन्हें पाँच महीने पहले हार का स्वाद चखाया था... वही जनता उनके पिछले कारनामों के लिए उन्हें आसानी से माफ नहीं करेगी... क्योंकि ये वही भूपेंद्र सिंह हैं... जिन पर अपनों को फायदा पहुँचाने के आरोप हैं... ये वही भूपेंद्र सिंह हैं... जिनके परिवार पर एक पुलिस अधिकारी की हत्या का आरोप है... जी हाँ भूपेंद्र सिंह के भतीजे पर ये आरोप है कि उसने एसआई मदन दुबे की हत्या की है... इस वारदात के बाद जहाँ ब्राह्मण मतदाताओं ने भूपेंद्र सिंह से दूरी बना ली है... तो शहरी लोगों का भरोसा भी भूपेंद्र सिंह जीत नहीं पाये हैं... दो बार विधायक का चुनाव हार चुके भूपेंद्र सिंह के पास शायद इस बात का जवाब भी नहीं होगा... कि इस बार आखिर किस बूते वे इलाके की जनता के सामने ह...

और कितना गिरोगे भाई?

"ये वाकया तब का है जब जॉर्ज बुश भारत आया था। उसके स्वागत में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 40-50 लोगों को रात्रिभोज में बुलाया था। मुझे भी बुलावा आया था। मैं गया लेकिन छाती पर एक बैज लगाकर, उसपर लिखा था खून के बदले तेल नहीं मिलेगा। मेरे वहां ऐसे जाते ही प्रधानमंत्री ने जॉर्ज को कहीं और ले जाना चाहा लेकिन मैंने वहीं से जॉर्ज बुश की तरफ बोलते हुए डांटना शुरु कर दिया। ये देख कर जॉर्ज बुश थर्र-थर्र कांपने लगा। बुश को अभी किसी पत्रकार ने जूता मारा है, मैं तो ......." ये कहना है शाहिद सिद्दीकी का। सालों तक एसपी का दामन थामे बैठे शाहिद सिद्दीकी इस बार बिजनौर लोकसभा सीट से बीएसपी के उम्मीदवार हैं। वोटर्स को रिझाने के लिए नेता कितनी मूर्खतापूर्ण बातें कर सकते हैं इस घटना से साफ ज़ाहिर होता है। सिद्दीकी साहब ने ये बात बिजनौर में अपने संबोधन के दौरान कही। अब आप सोच रहे होंगे कि भला बिजनौर लोकसभा सीट में चुनाव प्रचार हो रहा है तो जॉर्ज बुश का इससे क्या सम्बन्ध? तो जनाब इसमें गहरा सम्बन्ध है। दरअसल सिद्दीका साहब को पता है कि जनता है चुनावी दावों और वादों पर यकीन करना छोड़ दिया है। ऐसे में उ...

अंधविश्वास की पराकाष्ठा...

हालांकि ये एक राजनैतिक ब्लॉग है लेकिन फिर भी मैं खुद को यहां पर इस वाकये को पोस्ट करने से नहीं रोक पा रहा। एक ऐसी घटना ने विचलित कर दिया है जिसे आपके साथ बांटना चाहता हूं। ये घटना है मध्यप्रदेश के पन्ना ज़िले से....जहां एक युवक ने नवरात्रि के आख़िरी दिन ख़ुद की बलि दे दी.....युवक ने माता के मंदिर परिसर में हंसिए से अपनी गर्दन काट ली और अपनी बलि दे दी....यहां के लोग अंधविश्वास से किस कदर जकड़े हुए हैं....इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक ओर युवक ये सब कर रहा था....और दूसरी ओर मंदिर परिसर में मौजूद लोग माता की जय-जयकार करके उस युवक को अपनी गर्दन काटने को प्रोत्साहित कर रहे थे. युवक का नाम कृष्णा कुशवाहा है....और ये ख़ुद को  दुर्गा मां का परम भक्त बताता था....बुंदेलखंड के इस इलाके में ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान जो कुछ भी भक्त माता को जो अर्पित करते हैं......माता उसे वो वापस लौटा देती है.....वैसे तो इस इलाके में पहले भी जीभ अर्पित करने की परंपरा देखी गई है.....कृष्णा ने नवरात्रि में सभी दिन की उपवास किया था....और कल नवमी के दिन उसने माता को अपनी जीभ की जगह अपना सिर अर्प...

आचार संहिता नहीं रोकती विकास कार्य