हिंदी पत्रकारिता दिवस पर विशेष
हिन्दी पत्रकारिता की कहानी भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी है। भारतवर्ष में आधुनिक ढंग की पत्रकारिता का जन्म अठारहवीं शताब्दी के चतुर्थ चरण में कलकत्ता, बंबई और मद्रास में हुआ। 1780 ई. में प्रकाशित हिकी का "कलकत्ता गज़ट" कदाचित् इस ओर पहला प्रयत्न था। लेकिन हिंदी पत्रकारिता की सही मायने में शुरुआत हिंदी के पहले पत्र उदंत मार्तण्ड के प्रकाशित होने के साथ 30 मई 1826 को हुई। इसीलिए इस दिन को हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इन अंतिम वर्षों में फारसी भाषा में भी पत्रकारिता का जन्म हो चुका था। 18वीं शताब्दी के फारसी पत्र कदाचित् हस्तलिखित पत्र थे। 1801 में हिंदुस्थान इंटेलिजेंस ओरिऐंटल ऐंथॉलॉजी नाम का जो संकलन प्रकाशित हुआ उसमें उत्तर भारत के कितने ही "अखबारों" के उद्धरण थे। 1810 में मौलवी इकराम अली ने कलकत्ता से लीथो पत्र "हिंदोस्तानी" प्रकाशित करना आरंभ किया। 1816 में गंगाकिशोर भट्टाचार्य ने "बंगाल गजट" का प्रवर्तन किया। यह पहला बंगला पत्र था। बाद में श्रीरामपुर के पादरियों ने प्रसिद्ध प्रचारपत्र "सम...