Friday, February 13, 2009
शिवराज नहीं थाम पा रहे हैं दलाली का रथ
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दूसरी पारी के कुछ पहले और अब जो कुछ कर रहे है, उसमें गाँव की मिट्टी तथा आम आदमी के पसीने की गंध की बजाय कारपोरेट और डिजाइनर नेताओं की गंध आ रही है उन्होंने अभी अपने मंत्रियों की राजनितिक-प्रशासनिक क्षमता और दक्षता को परखने के लिए पचमढ़ी में शिविर आयोजित किया शिवराज सिंह चौहान बताये कि वे राजनीति में तीस साल से है क्या इससे पहले उन्होंने कोई राजनीति की पाठशाला ज्वाइन की थी? लालू यादव और लाल कृष्ण आडवानी आईआईएम से पढ़े हुए है ? नही फ़िर यह चोचलेबाजी क्यों ? दरअसल ये कवायद वे लोग करते हैं , जो पांच सितारा होटल्स और कारपोरेट हाउसेस की दल्लागिरी करके राजनीति में आते हैं या राजनीति से दल्लागिरी करते हैं चुनाव पूर्व हुई भोपाल की रैली हो या चुनाव के ठीक बाद मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह , सबमे करोडो रुपए फूंके गए क्या इन आयोजनों पर सरकारी अथवा पार्टी फंड से खर्च हुआ ? नही ! इन आयोजनों पर दलालों ने खर्च किया, जो कि शिवराज सिंह चौहान की ईमानदारी पर सवालिया निशान लगाती है। भाई प्रदेश की मुख्यमंत्री पर ऐतबार करती है तो उनकी जिम्मेदारी पुरे तंत्र को भष्टाचार मुक्त बनाने की हैं इसकी शुरुआत योजनाओं के मूल से होना चाहिए अफसर, राजनेता, ठेकेदार और बिचोलियों का गठजोड़ नई योजनाओ - पालिसियों पर कड़ी नजर रखता है
यह चिंतनीय और शोभनीय है। शिवराज सिंह चौहान भली भांति जानते है कि कौन भ्रष्ट है और कौन दलाल हैं , फ़िर भी वे मौन क्यों हैं? क्या संघ के कतिपय मठाधीशों के हस्तिनापुर से आप बंधे हुए हैं? अगर हां तो कोई बात नही अगर नही तो मुख्यमंत्री को सफाई अभियान चलाना चाहिए।
Saturday, February 7, 2009
विदेश नीति नहीं अमेरिका नीति कहिए महाराज...
हम कहने को तो संप्रभु राष्ट्र में रहते हैं लेकिन हकीकत ये है कि हमारी संप्रभुता अमेरिका के पास गिरवी पड़ी है। ऐसे में हमारे नेता बयानबाज़ी के अलावा और कुछ कर भी नहीं सकते।
Friday, February 6, 2009
मध्यप्रदेश में सेक्स का तडका-एक दलाल की जुबानी
कोड नंबर लो, मनपसंद साथी पाओ
कितने भी दावे किए जाएं लेकिन शहर में देह बेचने का धंधा फलफूल रहा है, दलाल नए-नए रास्ते निकाल पुलिस-प्रशासन की नाक में दम किए हुए हैं। नए तरीके के रूप में दलालों ने ग्राहकों को कोड नंबर जारी किए हैं। मोबाइल पर कोड नंबर बताइए और बस सौदा पटा। वांछित जगह पर कॉलगर्ल आपको मिल जाएगी। पूरा धंधा इतने व्यवस्थित तरीके से जारी है कि कोड नंबर देकर किसी मॉल या शापिंग सेंटर के बाहर से कॉलगर्ल और ग्राहक किसी आम युवा साथी की तरह पुलिस के सामने से ही हाथ में हाथ डाले निकल जाएंगे।
देह बैंक-कमसिन लड़कियों की डिमांड
भोपाल पुलिस द्वारा की गई एक छानबीन से पता चला कि जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर और मुंबई के दलालों के बीच देह व्यापार का पूरा बैंक ही चलता है। ना सिर्फ ये अपने डाटा का आदान-प्रदान करते हैं बल्कि एक-दूसरे को कॉलगर्ल की सप्लाई भी करते हैं। सेक्स रैकेट को चलाने के लिए दलाल अन्य राज्यों में जाकर वहां मौजूद दलालों के माध्यम से कमसिन और खूबसूरत लड़कियों को लाते हैं। इसका खुलासा दलाल राजू (बदला हुआ नाम) से हुआ, इसने जबलपुर स्थित दलाल के पास से कुछ युवतियों को लाया था। शहर से भी बाहर भी इन लड़कियों की सप्लाई की जाती है। राजू ने बताया कि शहर में शौकीन लोगों में कमसिन लड़कियों की सबसे ज्यादा डिमांड है। इनके लिए ग्राहक ज्यादा से ज्यादा रुपए देने को तैयार रहते हैं। इन्हीं शौकीनों के लिए हमें कम उम्र की लड़कियों की दूर-दूर तक जाकर खोज करनी पड़ती है।
दलाल नेटवर्क-लाख की चोखी कमाई
जबलपुर का दलाल मुंबई से लेकर इंदौर तक या अन्य राज्यों में चल रहे देह व्यापार के धंधों में शामिल होता है। इनसे मिलाकर पूरा नेटवर्क बनाता है। इसका हिस्सा हुए बिना कोई यहां धंधा नहीं कर सकता है। एक अन्य दलाल बाबू ने बताया। हम बंगाल से एक महीने में कॉन्ट्राक्ट पर एक युवती को 50 हजार रुपए में लाते हैं और अगर लड़की देखने में सुंदर व कमसिन है तो कीमत भी बढ़कर 1 लाख हो जाती है। उनकी कमाई भी चोखी होती है हमें भी ठीक-ठाक सा पैसा मिल जाता है। कई बार इन लड़कियों की नुमाइश भी की जाती है ताकि कद्रदान इनमें से अपनी पसंद की चुन सके, हां ऐसे मामलों में कीमत जरूर डबल हो जाती है।
नाइट पार्टी-एसएमएस से सूचना
बाबू ने बताया कि दलालों का अलग-अलग शहरों में अलग-अलग फ्लैट रहता है, जहां पर इन युवतियों को रखते हैं। प्रत्येक दलाल मोबाइल या फोन से अपने आकाओं से जुड़ा रहता है। नई लड़कियों के बाजार में आ जाने पर ये हम अपने पुराने ग्राहकों को एसएसएस के जरिए तत्काल सूचित कर देते हैं। इसके बाद ग्राहक अपने अनुसार नाइट पार्टी का आयोजन करता है। ये नाइट पार्टियां भी इन लड़कियों की नुमाइश का जरिया होती हैं। वहां भी कई कद्रदान आते हैं, जिसे चाहो चुनो। एक युवती के लिए दलाल को 1 लाख रुपए मिला, जबकि कॉलगर्ल के रेट अलग होते हैं। लड़की एक दिन में पांच से छ प्रोग्राम करती हैं। इसका उसे प्रतिदिन के हिसाब से 5 हजार रुपया अलग से मिलता, उसके खाने-पीने और अन्य खर्चे के लिए मिलते हैं। हालांकि है तो ये महंगा धंधा लेकिन शहर के शौकीनों के लिए तो कुछ भी नहीं है।
पता नहीं क्या-क्या करना पड़ता है
बाहर राज्य से आई कॉलगर्ल अपना असली पहचान कभी नहीं बताती हैं। एक कॉलगर्ल से मिलने के बाद उसने अपना नाम काजल बताया और कहा कि हमारे देश में बहुत भुखमरी है। हमें परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मजबूरन इस धंधे में आना पड़ा। उसने बताया कि मैं पहले कोलकता से मुंबई और मुंबई से अहमदाबाद गई थी और फिर मध्यप्रदेश आ गई क्योंकि यहां पकडे जाने का डर कम होता है। काजल ने इंदौर के लोगों का गुणगान करते हुए कहा कल तक उसे जहां 100 रूपए मिलते थे अब वहीं लोग खुश होकर 500 रूपए दे देते हैं। उसने अपनी व्यथा बताते हुए कहा दलालों के मनमानी पैसा लेने के बाद ग्राहक भी अपना पैसा उसके साथ हर ढंग का काम करके वसूल करना चाहते हैं, यहां तक कि उसे ओरल सेक्स, मसाज के साथ सभी सेवाएं देनी पड़ती हैं।
हर सप्ताह चाहिए नया माल : दलाल
इस नेटवर्क को चलाने वाला राजू इंदौरी (बदला हुआ नाम) ने बताया कि, सर मंदी की क्या बात करते हो, यहां तो हर सप्ताह नए माल की डिमांड करने वाले ग्राहकों की संख्या बहुत है। सूरत में लगभग 60 से 70 दलाल सक्रिय हैं, जो मोबाइल के माध्यम से धंधे को चलाते हैं। उसने बताया कि इंदौर के कपडा बाजार और भोपाल के पुराने स्थित कई व्यापारी के कुछ ग्राहक हमारे नियमित ग्राहक हैं। उसने बताया कि खुले रूप से यह धंधा भले ही बंद हो गया हो लेकिन आज भी इंदौर में रूपवान सुंदरियों का मिलना कोई मुश्किल नहीं है। अब तो ग्राहक भी होशियार हो गए हैं। वे अब एक दलाल का नंबर नहीं बल्कि कई दलालों का नंबर अपने पास रखते हैं।
Wednesday, February 4, 2009
राजनीति के खेल में मिलेगी पप्पुओं को जगह
आज ज्यादा नहीं लिखुंगा क्योंकि मामला राजनीति का है और इसलिए मुझे थोडा अध्धयन करना होगा और सभी ब्लॉगर बंधुओं से आशा है कि उन्हें मेरे ब्लॉग में जो आपत्ति होंगी वे उसे मुझे जरूर बताएंगे और राजनीति के बारे में लिखने में मेरी मदद करेंगे।
-भीमसिंह मीणा
क्या सच में मप्र पुलिस इतनी साहसी हो गई कि एक सत्ताधारी दल के मंत्री पुत्र को बेल्ट से पीट सके?
क्या सच में मप्र पुलिस इतनी साहसी हो गई कि एक सत्ताधारी दल के मंत्री पुत्र को बेल्ट से पीट सके? अब तक तो यकीन नहीं हो रहा था, लेकिन खबर दै...
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मप्र पर्यटन निगम द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में लगातार बेहतर काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में राजधानी में भदभदा पुल के पास एक शानदार एंटरटे...